जानिए क्यों लाकडाउन के बीच, अपर कलेक्टर को देनी पड़ी 1600 किलोमीटर यात्रा की अनुमति

लाकडाउन के बीच सामने आई मानवीय संवेदना की मिसाल

गरियाबंद: जिले के फिंगेस्वर में रह कर ट्रेक्टर से खेत मे सुधार कार्य करवाने वाले राजस्थान के जोधपुर जिले के बालेसर निवासी ,घनाराम उम्र 35 वर्ष की ह्रदयघात से मौत हो गई। यंहा मौजूद सहयोगी पहले तो इस बात को लेकर काफी परेशान हो गए की लाख डाउन में जहां घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है शव को कैसे सोलह सौ किलोमीटर दूर जोधपुर लेकर जाने की अनुमति ली जाए, फिर उन्होंने इसकी सूचना राजस्थान में रहने वाले परिजनों को दिया। जवान बेटे की मौत से घनाराम के घर मे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लॉक-डॉउन के चलते पार्थिव शरीर न तो राजस्थान ले जा पा रहे थे न ही यंहा अंतिम संस्कार हो पा रहा था। मामले की जानकारी अमलीपदर में रहने वाले कांग्रेस के यूवा नेता रविन्द्र राजपुरोहित को लगी। रबिन्द्र के रिश्तेदार जोधपुर जिले में रहते हैं। सूचना मिलते ही रविन्द्र ने कांग्रेस नेता सुशील सन्नी अग्रवाल के साथ मिलकर गृह मंत्री ताम्रध्वज से मदद मांगी। राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से भी रबिन्द्र ने बात किया, दोनो राज्य के सरकारी समन्वय में युवा कांग्रेसी सफल रहे। युवा नेताओ कि पहल रंग लाई। गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए पार्थिव शरीर ले जाने की अनुमति दे दी। आज दोपहर को एम्बुलेंस के जरिये पार्थिव शरीर 1600 किंमी दूर जोधपुर जिले में मौजद मृतक के गृहग्राम के लिए लेकर उनके सहयोगी जोधपुर के लिए रवाना किए गए।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में राजिम के एसडीएम जीडी वाहिले ने बताया कि कलेक्टर श्याम धावड़े ने इस मामले के लिए अपर कलेक्टर के के बेहार को अधिकृत किया और छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग की अनुमति से अपर कलेक्टर ने इस लंबी यात्रा की अनुमति शव ले जाने के लिए उनके सहयोगियों को दी।

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