फुलझर के जंगल में 5 दिन से रुका हुआ है 20 हाथियों का झुंड
गरियाबंद–फिंगेश्वर के जंगल में नया मेहमान आया है 5 दिन से गनियारी फुलझर ओके जंगल में डेरा जमाए 20 हाथियों के झुंड में से एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है अर्थात अब इनके झुंड में एक सदस्य की वृद्धि हो गई है यह झुंड जब गरियाबंद जिले में पहुंचा था तब उन 21 हाथी थे धमतरी जिले में एक हाथी की मौत दलदल में फंस जाने से हुई थी और अब गरियाबंद जिले से वापसी की राह पर मौजूद हाथियों के झुंड मे संख्या पुनः 21 हो गई है जिसे लेकर वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है
2 माह पहले बागबाहरा उड़ीसा क्षेत्र से 21 हाथियों का झुंड गरियाबंद पहुंचा था यहां के जंगलों में विचरण करते हुए हाथी के झुंड को देख यहां के लोगों में काफी दहशत का माहौल था हाथी लगभग दो दर्जन गांवों के नजदीक से होते हुए जब कस गांव के जंगल में पहुंचे तो यहां सेल्फी के चक्कर में एक व्यक्ति हाथियों के बेहद नजदीक पहुंच गया जिसके बाद हाथी ने कुचल कर उसकी जान ले ली थी इस घटना से बेहतर और अधिक बढ़ गई थी किंतु इसके 2 दिन बाद ही हाथियों ने गरियाबंद जिले की सीमा पर नेशनल हाईवे तथा पैरी नदी पार कर धमतरी जिले में प्रवेश कर लिया था इसके बाद लगभग 52 दिन धमतरी और कांकेर जिले में बिताने के दौरान दलदल में फंस कर एक हाथी की मौत भी हो गई अब हाथी दल वापस अपने इलाके की और उसी रास्ते से लौट रहा था किंतु बारूका के बाद इन्होंने अपना रास्ता बदल लिया यह जतमई झरने के पास से होते हुए फुलझर गनियारी के जंगल में पहुंच गए हर दिन हाथी लगभग 25 किलोमीटर रात में चल रहे थे किंतु बीते 5 दिनों से हाथी फुलझर के जंगल में डेरा जमाए हुए थे कोई समझ नहीं पा रहा था कि हाथी आखिर आगे क्यों नहीं बढ़ रहे मगर इसी बीच आज सुबह फिंगेश्वर के जंगल से खुशखबरी आई दल की एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है जिसे देख स्थानीय लोग भी काफी खुस हैं। फिंगेश्वर क्षेत्र के वन परीक्षेत्र अधिकारी ने इस घटना की पुष्टि भी की है और उसी भी जाहिर की है वन विभाग इसलिए भी अधिक खुश है कि 21 हाथियों का झुंड गरियाबंद पहुंचा था और अब लौटते समय पुनः है इनकी संख्या 21 हो गई है जो संतोषप्रद है कुल मिलाकर चंदा हाथी के दल में आए इस नए मेहमान को लेकर इलाके में अच्छी चर्चा व्याप्त है।