गरियाबंद : वन भैंस ‘आशा’ की मौत की वजह आई सामने, रिपोर्ट जारी

फारूक मेमन

गरियाबंद : उदंती सीता नदी टाइगर प्रोजेक्ट में हुई वन भैंसे की मौत के मामले में विज्ञप्ति जारी किया गया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि वन भैंस संरक्षण संवर्धन केन्द्र जुगाड़ में मादा वन भैंसा आशा की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी)  अतुल शुक्ला एंव अपर प्रधान मुख्य बन संरक्षक ( वन्यप्राणी) अरूण कुमार पाण्डेय मौके पर पहुंचे तथा आशा’ की मृत्यु के बारे में उप निदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्वगरियाबंद एवं उपस्थित वन अधिकारियों से जानकारी ली।

उल्लेखनीय है कि मादा वन भैंसा आशा’ जो कि लगभग 17 वर्ष की थी कि मृत्यु 18.02.2020 को सुबह 6:00 बजे हो गई थी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्यप्राणी ) अतुल शुक्ला एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) अरूण कुमार पाण्डेय एवं अन्य वनाधिकारियों की उपस्थिति में आशा’ का पोस्टमार्टम डॉ. एस.के. चन्द्राकर V.A.S. पशु चिकित्सालय पाण्डुका, डॉ. तामेश कंवर V.A.S. पशु चिकित्सालय गरियाबंद, डॉ. के.पी.एस. शर्मा V.A.S. पशु चिकित्सालय छुरा,  भूमिका श्रीमाली जंगल सफारी रायपुर एवं अनिस कुमार सोनवानी वेटनरी हॉस्पिटल बारनवापारा के द्वारा संपादन किया गया चर्चा में पशु चिकित्सकों ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को बताया कि यह मृत्यु वृद्वावस्था में होने के कारण एक प्राकृतिक मृत्यु है, पोस्ट मार्टम के पूर्व चिकित्सकों के दल द्वारा वन भैंसी के संपूर्ण शरीर का परीक्षण किया गया जिसके द्वारा कोई चोट या घाव के निशान आसमयिक मृत्यु के लक्षण नहीं पाये गये।

उल्लेखनीय है कि वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र जुगाड़, उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद में आशा वर्ष 2005-06 में लाई गयी थी। 15 वर्षों में आशा ने वन भैंसा छोटू एवं श्यामू के सहवास से छ: बच्चों को जन्म दिया, जिसमें एक मादा एवं शेष वन भैंसे हैं, आशा से उत्पन्न समस्त बच्चे केन्द्र में स्वस्थ अवस्था में है।

ये भी पढ़ें :-  जिला एवं पुलिस प्रशासन ने व्यवसायियों से मांगा सहयोग

इस अवसर पर प्रधान मुख्य बन संरक्षण (वन्यप्राणी) अतुल शुक्ला ने अपने श्रद्धांजलि देते हुये आशा को केन्द्र की कुलमाता निरूपित करते हुये वन भैंसा संवर्धन में आशा के योगदान को रेखांकित किया तथा सभी वन अधिकारियों से अव्हान किया कि वे राज्य वन पशु जंगली वन मैंसा के संवर्धन संरक्षण में समस्त प्रयास करें तथा ग्रामवासियों को भी इस दिशा में जागृत करें। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) अतुल शुक्ला एंव अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्यप्राणी) अरूण कुमार पाण्डेय तथा उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व के विष्णुराज नायर एवं अन्य वनाधिकारियों की उपस्थिति में आशा का पोस्टमार्टम एवं दफनाने की कार्यवाही की गई।

केन्द्र के नियमों एवं कार्यविधियों के अनुसार केन्द्र में रखे गये सभी भैंसों के गतिविधियों की प्रतिदिन रिकार्डिंग की जाती है। दिनांक 17.02.2020 को केन्द्र प्रभारी एवं वनाधिकारियों के द्वारा यह देखा गया था कि आशा सुस्त अवस्था में बैठी है, तत्काल ही मौके पर पहुंचकर वनाधिकारियों एवं डॉ. के द्वारा उसका उपचार एवं दवाईयां दी गई थी।

इस अवसर पर मुख्यालय से आये हुये प्रधान मुख्य वन वन संरक्षक (वन्यप्राणी)  अरूण कुमार पाण्डेय, उप निदेशक  विष्णुराज नायर उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद, उप वन मंडलाधिकारी शशिकानंदन देवभोग उपवनमंडल, सहायक संचालक (उदंती) मैनपुर मनेन्द्र सिरदार, सहायक संचालक सीतानदी  आर.के. रायस्त, सहायक संचालक तौरेंगा  पी. आर. धुव, वन परिक्षेत्र अधिकारी दक्षिण उदंती  टी.आर. नरेटी, वन परिक्षेत्र अधिकारी इंदगांव (धुरवागुड़ी) बफर  योगेश कुमारा रात्रे, वन परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाड़ीघाट सुदर्शन नेताम, वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्तर उदंती  फिरोज खान, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी (करलाझर)  लोचनराम निर्मलकर एवं अन्य अधिनस्थ अधिकारी एंव कर्मचारीगण मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें :-  गरियाबंद में नगर पालिका बाट रही 15 हजार मास्क
खबर को शेयर करें