” माताओं को भी आज यहां उपस्थित होकर उनके छात्र छात्राओं के द्वारा किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इनमें उपजने वाली कलाओं को देखने का अवसर मिलता है तो वहीं खेलकूद में उनकी बालिकाएं किस तरह निपुण हो गई हैं. यह भी देखने का अवसर मिलता है”
फारूक मेमन
गरियाबंद : कस्तूरबा विद्यालय में आज हॉस्टल के बच्चों के लिए प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी मां-बेटी सम्मेलन का आयोजन किया गया. दरअसल हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं कम समय के लिए अपने निवास घर में रहते हैं, जिसके चलते मां बेटी के बीच में जो दूरियां होती है, उसे समाप्त करने के साथ ही मां बेटी के संबंधों के बीच और कड़ी मजबूत करने के लिए उक्त कार्यक्रम का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता है. इसी कड़ी में आज गरियाबंद कस्तूरबा विद्यालय में मां-बेटी सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन तथा अध्यक्षता नगर पालिका के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटके के के साथ ही पार्षदों में वंश पाल व अन्य पार्षदगण मौजूद थे.
कलाओं को निखारने का मिलता है मौका
इस मौके पर गफ्फू मेंमन ने छात्राओं एवं उनकी माताओं को संबोधित करते हुए कहा मां बाप से बड़ा कोई मित्र व हितैषी नहीं होता. इसलिए बच्चों को अपनी हर समस्या का जिक्र अपने मां-बाप से करना चाहिए क्योंकि वही सच्चे मार्गदर्शक होते हैं कि छात्राओं छात्रों का हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने से जहां ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे को शिक्षित करने का एक आधार बनता है. वहीं दूसरी ओर यहां हॉस्टल में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के संपूर्ण व्यवस्थाएं की गई है, जिसके चलते छात्राओं को कोई कमी महसूस नहीं होगी. वही माताओं को भी आज यहां उपस्थित होकर उनके छात्र छात्राओं के द्वारा किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इनमें उपजने वाली कलाओं को देखने का अवसर मिलता है तो वहीं खेलकूद में उनकी बालिकाएं किस तरह निपुण हो गई हैं. यह भी देखने का अवसर मिलता है. ऐसे अवसरों से पालकों में अपने बच्चों के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता है. वही बच्चों में भी अपने कलाओं को निखारने का अवसर मिलता है और उनमें भी आत्मविश्वास पैदा होता है. यह एक बड़ी उपलब्धि है जिसके लिए कस्तूरबा विद्यालय बधाई के पात्र हैं और प्रतिवर्ष इस तरह के आयोजन से इस विद्यालय का नाम रोशन होगा तथा यहां पढ़ने वाले बच्चों में एक नया विश्वास पैदा होगा.
शासन की योजना प्रभावकारी
शासन की यह योजना काफी प्रभावकारी है और यह प्रतिवर्ष आयोजित होना चाहिए वहीं दूसरी ओर अध्यक्षता कर रहे. सुरेंद्र सोनटके ने कहा कि गरियाबंद का सौभाग्य है कि यहां कस्तूरबा विद्यालय में हॉस्टल की समुचित व्यवस्था है और यहां से बच्चे जहां खेल के प्रति अपनी कलाओं को निकालते हैं. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भी अपनी कला को पेश करने का अवसर मिलता है. यहां के बच्चे पढ़ाई में भी उच्च स्थान प्राप्त कर रहे हैं. यह गरियाबंद के लिए सौभाग्य की बात है मेरा मानना है कि यहां के जो बच्चे हैं जो पढ़ाई करती हैं वे आगे भी उन्नति और विकास करेंगे और उसमें आत्मविश्वास पैदा होगा.
माँ-बेटी के बीच होता है अनोखा रिश्ता
इस अवसर पर गरियाबंद कस्तूरबा महाविद्यालय में आज हॉस्टल के बच्चों के लिए प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी मां बेटी सम्मेलन का आयोजन किया गया है. दरअसल हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं कम समय के लिए अपने निवास घर के इधर में रहते हैं, जिसके चलते मां बेटी के बीच में जो दूरियां होती है. उसे समाप्त करने के साथ ही मां बेटी के संबंध के बीच और कड़ी मजबूत करने के लिए उक्त कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाना चाहिए. इस अवसर पर सुबह हॉस्टल के अधिक्षिका पुष्पा रामटेके ने कहा उन्होंने शासकीय अधिकारियों के साथ नगरपालिका के विभिन्न पदाधिकारियों के प्रति भी आभार व्यक्त करते हुए सहयोग की उम्मीद जताई.