मुंगेली: जिले के एक क्वारैंटाइन सेंटर में शनिवार की सुबह हैदराबाद से गांव लौटे एक श्रमिक की तबियत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी उसने दम तोड़ दिया। श्रमिक पैदल और ट्रक से लिफ्ट लेकर अपने परिवार के साथ हैदराबाद से गांव लौटा था। शनिवार को उसकी क्वारैंटाइन की अवधि खत्म होने वाली थी। तीन दिन पहले उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा की वजह से बिलासपुर के सिम्स अस्पताल ले जाया गया था। जहां उसके नवजात बच्चे की जन्म के तीन घंटे बाद ही मौत हो गई थी। इस घटना से लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों में डर का माहौल है, घटना की जांच की जा रही है। मृतक के सैंपल भी लिए जा रहे हैं।
देर तक एंबुलेंस नहीं आई, ऑटो में अस्पताल ले जाने लगे तभी उसकी मौत हो गई
छीतापुर गांव का महज 22 साल का श्रमिक पुनीत राम टंडन क्वारैंटाइन सेंटर में बीमार ही था। पिछले तीन दिनों से उसे सर्दी, बुखार और डायरिया की तकलीफ हो रही थी। क्वारैंटाइन सेंटर के सचिव उसे अपने साथ पंढर भट्टा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहां दवाएं देकर श्रमिक को चलता कर दिया गया। तब युवक के सैंपल नहीं लिए गए थे। शनिवार को जब श्रमिक की हालत बिगड़ी तो एंबुलेंस और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई। काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई, ऐसे में अन्य श्रमिक उसे ऑटो में अस्पताल ले जाने लगे तभी उसकी मौत हो गई। अब क्वारैंटाइन सेंटर में श्रमिक की पत्नी अकेली है।