अनाज बैंक से 3500 लोगों को मिली सहायता

46 बिस्तर युक्त आईसोलेशन सेंटर और क्वारेंटाईन सेंटर 

दान-दाता और स्वयंसेवी संस्था द्वारा 7 हजार लोगों को निःशुल्क भोजन

गरियाबंद: 21 दिन के लाॅकडाउन के घोषणा के पश्चात जिले के नागरिक शासन और प्रशासन के आदेशों का पालन कर रहे हैं। जिला प्रशासन और आमजनता मिलकर कोरोना वायरस को परास्त करने में जी-जान से जुटे है। एक तरफ लोगों को घरों में सुरक्षित रहने क लिए अपील की जा रही है। वहीं दूसरी ओर अन्य प्रदेशों से आये मजदूरों से और प्रवासी लोगों के लिए राहत शिविर चलाकर उनके भोजन, आवास, राशन इत्यादी की माकूल व्यवस्था की गई है। कलेक्टर श्याम धावड़े द्वारा जिले में लाॅकडाउन के दौरान लोगों को अपने घर में सुरक्षित रहने, लगातार साबुन से हाथ धोते रहने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलने की समझाईश दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में चैबीसों घंटे कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसके अलावा विकासखण्ड स्तर पर भी कन्ट्रोल रूम स्थापित कर मोबाईल नम्बर जारी किया गया है। कलेक्टर श्री धावड़े ने बताया कि अभी तक जिले में 29 व्यक्ति विदेश प्रवास से लौटे है तथा 1664 व्यक्ति दूसरें राज्यों से होकर आये हैं। इस तरह कुल 1685 व्यक्ति होम क्वारेंटाईन में है। जिनका प्रतिदिन परीक्षण किया जा रहा है। इनमें विदेश से आये 13 यात्रियों का सेंपल कलेक्शन लिया गया है, जिनमें सभी का रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुआ है। जिले में कुल 8 क्वारेंटाईन सेंटर स्थापित किया गया है, जिनमें कुल बिस्तरों की संख्या 36 है। इनमें दो-दो गरियाबंद, छुरा, मैनपुर एवं एक-एक देवभोग व राजिम में स्थापित किया गया है। यहां मेडिकल एवं अन्य स्टाॅफ की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा आश्रय स्थल गरियाबंद में एक 10 बिस्तर वाला आईसोलेशन सेंटर भी स्थापित किया गया है।
जिले में 75 पीपीई कीट, 677 एन95 मास्क एवं 8 हजार 319 ट्रीपल लेयर मास्क की उपलब्धता है। जिले के स्वयं सहायता समूहों द्वारा मास्क तैयार किया जा रहा है। उनके द्वारा अभी तक कुल 33 हजार 770 मास्क तैयार किये गये है, जिन्हें मात्र 12 रूपये प्रति नग की दर से लोगों की उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में गरीब, मजदूर और निराश्रितों को भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे 668 गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया गया है। वहीं 16 हजार लोगों को निःशुल्क राशन वितरण किया गया है।

संकट की इस परिस्थिति में स्वयं सेवी संस्था द्वारा भी 7 हजार लोगों को भोजन और खाद्यान्न, मास्क निःशुल्क दिया गया है। 343 प्रवासी मजदूरों के लिए अस्थाई राहत कैम्प और 731 श्रमिकों के लिए आवास भोजन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। लाॅकडाउन की अवधि में मजदूरों के रोजगार की चिंता करते हुए जिले के पंजीकृत मजदूरों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत 24 मार्च से आज तक कुल एक लाख 36 हजार 379 मानव दिवस सृजन किया गया है। वहीं दो करोड़ 29 लाख 76 हजार रूपये की राशि मजदूरी के रूम में भुगतान किया गया । जिले में इस दौरान 7 करोड़ 64 लाख रूपये के 462 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। कार्य स्थल पर मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों पर जागरूक किया जा रहा है।  
जिले के 336 ग्राम पंचायतों में अनाज बैंक की स्थापना भी उपयोगी साबित हो रहा है। अनाज बैंक की स्थापना से लगभग 3 हजार 500 जरूरतमंद लोगों के साथ ही असहाय, वृद्ध, निराश्रित और बीमार लोगों को एकत्रित हुए चावल, दाल , शक्कर और नगदी की सहायता दिया गया है। अनाज बैंक में जिले के संवेदनशील लोगों, समाज सेवी, व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा अब तक 807 क्विंटल चावल, 13 क्विंटल दाल और 5 लाख 52 हजार रूपये और अन्य दैनिक जरुरतों से संबंधित सामग्रियों का अनवरत दान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा सभी पंचायातों में दो क्ंिवटल अतिरिक्त चावल का भण्डारण सुनिश्चित किया गया है। कोरोना से निपटने के लिए सुरक्षा और सावधानी ही बचाव है, के मुख्य उद्देश्य को लेकर ऐसे लोगों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जो धारा 144 का उलंघन कर रहे हैं। जिले में ऐसे 40 लोगों के विरूद्ध लाॅकडाउन उलंघन करने पर एफ.आई.आर दर्ज किया गया है। कलेक्टर ने जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सभी धार्मिक, सामाजिक एवं जनप्रतिनिधियों से भी अपील किया है कि वे भी इस लड़ाई के खिलाफ सक्रिय भागीदारी निभाते हुए जिले को कोरोना मुक्त बनाने में आगे आए।  

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