दिल्ली. भारत और चीन के बीच इस समय संबंध कुछ ठीक नहीं चल रहे है. भारत और चीन की सीमा ग्वालन घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया .सीमा पर चीनी घुसपैठियों ने 20 भारतीय सैनिकों को बर्बरता पूर्वक मौत के घाट उतार दिया .इस घटना के बाद पूरा देश एक जुट है. घटना के बाद विपक्ष दल कोंग्रेस ने केंद्र सरकार जम कर निशाना साधा और घटना की पूरी जानकरी सामने रखने की बात कही. PM मोदी ने कल सर्वदलीय बैठक सारे राजनितिक सवालों को स्पष्ट करते हुए कहा कि वहां न तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है. कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता है. हमारी ओर भारतीय जवानों को पूरी छूट है. जैसी अपेक्षा थी, सर्वदलीय बैठक में कुछ वैसा ही हुआ.
भारतीय जवानों पर हुए हमले के बाद तमाम विपक्षी दल और राजनितिक पार्टी ने कहा कि हम संकट की इस घडी में देश के साथ है हम जीतेंगे, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘संकट की इस घड़ी में हम सरकार के साथ है . द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने हाल में पीएम के बयान का स्वागत किया
पीएम ने कही ये बात
शुक्रवार को भी लगभग उसी अंदाज में प्रधानमंत्री ने कहा- चाहे ट्रेड हो, कनेक्टिविटी हो या काउंटर टेररिज्म हो, भारत कभी किसी के दबाव में नहीं आया है और न आएगा। देश की रक्षा के लिए जल-थल-नभ सभी जगहों पर हमारी सेनाएं पूरी तरह मुस्तैद हैं. भारत की सैन्य क्षमता ऐसी है कि हमारी जमीन पर कब्जे की बात तो दूर, उसकी ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता है.’
सोनिया गांधी ने पूछे थे ये सवाल
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा, चीनी सेनाओं ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख को घुसपैठ की?
- सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे में कब जानकारी हुई?
- खबरों की माने तो घुसपैठ पांच मई को हुई, क्या यह सही है, या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई?
- क्या सरकार को, नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की सैटेलाइट इमेजेज नहीं मिलती हैं?
- क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी?
- क्या सेना की इंटेलीजेंस ने सरकार को एलएसी पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे में सचेत नहीं किया? क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह इंटेलीजेंस फेल्योर है?