शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस नें हटाया : सुबह 7 बजे दिल्ली पुलिस ने की कार्रवाई

नई दिल्ली: नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कोरोना वायरस के खतरे के बीच आज हटा दिया है। इसके साथ ही, अन्य जगहों पर जहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी थे पुलिस ने उन्हें भी कोरोना वायरस के चलते बंद करा दिया है।

सुबह करीब 7 बजे से दिल्ली पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई। वहीं, शाहीन बाग में खाली कराने के लिए पहले पुलिस ने समझाया, नहीं माने तो ये कार्रवाई की गई। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हटा वहां से टेंट भी उखाड़ दिया गया है। साथ ही कुछ को हिरासत में भी लिया गया। हालांकि, लोगों ने कहा कि हमने रात को ही कर्फ्यू की आशंका से प्रदर्शन स्थल खाली कर दिया था। शाहीन बाग में महिलाएं पिछले 101 दिनों से धरने पर बैठी थीं।

आज सुबह 7 बजे की गई इस कार्रवाई की शुरुआत

जॉइट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा, ‘कोरोना वायरस के बढ़ने के कारण लोगों से अपील की जा रही थी। लोकल भी हमसे मांग कर रहे थे। आज सुबह सात बजे हमने इस कार्रवाई की शुरुआत की। शुरुआत में कुछ शरारती तत्व माहौल को बिगाड़ना चाहते थे। वे नहीं माने, तो उन्हें हिरासत में लिया गया है।’

इस कार्रवाई के लिए बड़ी संख्या में बुलाई गई थी पुलिस फोर्स

साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने बताया कि शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन वाली जगह से लोगों को हटा दिया गया है। आने-जाने के लिए रास्ते को खाली कराया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस कार्रवाई के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स बुलाई गई थी। हमने प्रदर्शन कर रहे लोगों से अपील की थी कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से यहां से हट जाएं।

धरने वाली जगह से पुलिस ने टेंट पूरी तरह से हटाया

फिलहाल पुलिस ने धरने वाली जगह से टेंट पूरी तरह हटा दिया है। कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है। इसके बावजूद वहां कुछ प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे। एक पुलिसर्मी ने बताया कि सुबह भी काफी महिलाएं धरने पर बैठी हुईं थी। हमने उनसे कहा कि 144 लगाई गई है, इसलिए धरने को खत्म कर दें। लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद पुलिस को उनको हटाना पड़ा।

पुलिस ने 31 मार्च तक सिर्फ चार लोगों को बैठने की दी थी इजाजत

इससे पहले पुलिस ने 31 मार्च तक सिर्फ चार लोगों को बैठने की इजाजत दी थी। यह भी कहा गया था कि चार से फालतू वहां जो भी दिखा उसे अरेस्ट कर लिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों को भी अलग-अलग बैठने को कहा गया था।

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