शराबबंदी की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रही सरकार : मंत्री प्रेमसाय टेकाम

“आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा में आने के लिए शिक्षा को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के कोई भी समाज विकास नहीं कर पायेगा। हमारी सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कि अगुवाई में स्थानीय संस्कृति और रिति-रिवाजों को सहेजने का काम कर रही है। समाज में जो कमियां है उसे शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है।”

फारूक मेमन

गरियाबंद : माघी पुन्नी मेला के 11वें दिन आज राजिम में विशाल आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में आदिमजाति, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण एवं शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा में आने के लिए शिक्षा को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के कोई भी समाज विकास नहीं कर पायेगा।

भूपेश सरकार कर रही स्थानीय संस्कृति और रिति-रिवाजों को सहेजने का काम

श्री टेकाम ने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कि अगुवाई में स्थानीय संस्कृति और रिति-रिवाजों को सहेजने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज में जो कमियां है उसे शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने आदिवासियों को सामूहिक वनाधिकार पत्र के लिए मांग करने का सुझाव दिया। श्री टेकाम ने कहा कि हमारी सरकार ने आदिवासियों के हित के लिए समर्थन मूल्य पर 8 लघुवनोपजों की खरीद को बढ़ा कर 22 कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शराब बंदी की ओर सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। उसमें समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने जनप्रतिनिधि भी भागीदारी निभायेंगे।

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सम्मेलन में राजिम विधायक  अमितेष शुक्ल ने अध्यक्षता की एवं सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव, विषिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थी। साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, उपाध्यक्ष संजय नेताम, जिलापंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम, नगरपंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, धनेश्वरी नेताम, भरत दीवान, बैसाखुराम साहू, जनक धु्रव, गणेश धु्रव, मोहित धु्रव, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक एम.आर. आहिरे एवं आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त एल.आर. कुर्रे मौजूद थे।

गुंडाधुर और शहीद वीरनारायण सिंह को किया याद

सम्मेलन को राजिम विधायक अमितेष शुक्ल ने संबोधित किया उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में गुंडाधुर और शहीद वीरनारायण सिंह जैसे वीर आदिवासियों का योगदान को नहीं भूलाया जा सकता। शुक्ल ने कहा कि आदिवासियों का पीले रंग का पगड़ी और गमछा उनके सहज, सरल और अध्यात्म के प्रति विश्वास को दर्शाता है।

सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने कहा कि आजादी के बाद ही आदिवासियों के विकास के लिए नियम और कानुन बनाये गये। यहा तक कि संविधान मे भी प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों को दिए गए अधिकार और सुविधाओं के कारण ही यहां तक पहुंच पायी है। डॉ. ध्रुव ने आदिवासी समाज को नशे से दूर रहने कि अपील की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में समाज में ठोस निर्णय लेना होगा।

जल, जंगल, जमीन और आदिवासी संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध सरकार

समारोह को कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि सरकार जल, जंगल, जमीन और आदिवासी संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार और समाज को मिल कर आपसी वाद-विवाद सुलझाना चाहिए। सम्मेलन की शुरूआत शहिद वीरनारायण सिंह के छायाचित्र में पुष्प अर्पित कर किया गया। इस मौके पर राज्य गीत अरपा पैर के धार का गायन भी किया गया। सम्मेलन में अंर्तजातीय विवाह प्रोत्साहन योजनार्गत 4 जोड़ो को ढाई-ढाई लाख रूपये का चेक वितरण, 5 किसानों को सब्जी मिनी कीट एवं बाड़ी विकास योजनांर्गत 2 किसानों को मुंग मिनी कीट वितरण किया गया।इस अवसर पर मंत्री श्री टेकाम ने विभागीय प्रदर्शिनी का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्शिनी के संबंध में जानकारी ली।

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