रायपुर :
आज छत्तीसगढ़ में ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार सादगी से मनाया गया. राजधानी रायपुर में भी जश्ने ईद मिलादुन्नबी की तैयारियां की गई थी और मुस्लिम समाज ने हर्षो उल्लाश के साथ पैगम्बर साहेब का जन्मदिवस मनाया.
इस अवसर पर सभी मुस्लिम भाइयों ने अपने अपने घरो और गलियों को सजाया साथ ही सुबह 7 बजे बैजनाथ पारा रायपुर से जुलुस का आगाज़ हुआ. शहर के मुख्य मार्गो से होकर सीरत मैदान में परचम पोसाई के साथ जुलुस का समापन किया गया. इस अवसर पर मुस्लिम समाज के साथ सभी राजनैतिक पार्टियों ने जय स्तंभ चौक पर जुलुस का स्वागत किया.
मुख्य मंत्री ने दी मुबारक बाद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को ईद-मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद दी है. उन्होने अपने संदेश में कहा है कि इस दिन दुनियाभर में इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिन बड़े जश्न के रूप में मनाया जाता है. हजरत साहब ने अल्लाह के वचनों को लोगों तक पहुंचाया. वे धरती पर अमन और भाईचारे का संदेश लेकर आए. पैगम्बर हजरत के विचारों ने एक नई संस्कृति, सभ्यता और नये युग का सूत्रपात किया. उनके संदशों ने लोगों के विचारों और जीवन मूल्यों पर अभूतपूर्व प्रभाव डाला.
राज्यपाल ने दी प्रदेश वासियों को बधाई
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भी मिलाद-उन-नबी के अवसर पर प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी है. अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद का जन्मदिन ईद-ए-मिलाद (मिलाद-उन-नबी) लोगों में प्रेम, समानता और सौहार्द्र का संदेश देता है. यह अवसर गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने तथा समाज में व्याप्त विषमताओं को दूर कर एकरूपता स्थापित करने पर जोर देता है.
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद हजरत साहब धार्मिक सहिष्णुता के पक्षधर थे, लिहाजा किसी भी किस्म के फ़साद जो सामाजिक सौहार्द के ताने-बाने को बिगाड़ता हो, उसे पसंद नहीं करते थे. मोहम्मद साहब अमन और सुकून के हिमायती थे और मानते थे कि समाज की ख़ुशहाली की इमारत बंधुत्व की बुनियाद पर ही निर्मित हो सकती है.