फ्लैट में रहने वाली लड़की की डेंगू से मौत, कोर्ट ने दिया बिल्डर पर केस दर्ज करने के आदेश: जानिए मामला

मोहाली :

चंडीगढ़-अंबाला रोड पर जीरकपुर स्थित बिल्डर कंपनी के टावर नंबर-2 के फ्लैट नंबर-2 में 23 साल की ईशा गौड़ की डेंगू के कारण मौत हो गई थी। ईशा के भाई ने 21 महीने तक पुलिस और कोर्ट के चक्कर काटने के बाद अब अपनी बहन को न्याय दिलवाया है। सेक्टर-22 निवासी शिवम शर्मा की याचिका पर डेराबस्सी कोर्ट ने मोहाली पुलिस को फटकार लगाई है। पुलिस को बिल्डर कंपनी के प्रबंधकों के खिलाफ धारा 304ए तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

शिवम ने बताया कि ईशा उसकी बुआ की बेटी थी। ईशा के पिता दिनेश गौड़ चंडीगढ़ ओर्डिनेंस फैक्ट्री में तैनात हैं, जबकि मां केवी स्कूल में टीचर हैं। भाई गौरव एक फार्मास्यूटिक्ल कंपनी में है। 2017 में पूरे परिवार को डेंगू हो गया था। सेक्टर-34 के प्राइवेट अस्पताल में सबका इलाज चल रहा था।

17 अक्तूबर 2017 को ईशा की मौत हो गई। ईशा टावर-2 के फ्लैट नंबर-2 में परिवार के साथ रहती थी और फ्लैट नंबर-1 जो बिका नहीं था, उस पर बिल्डर का हक था। इस फ्लैट-1 में पानी जमा हो रखा था। यहां से डेंगू का लारवा मिला था।

हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने अपनी पूरी रिपोर्ट भी बनाई थी। जीरकपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ गुरचरण सिंह ने कहा कि कोर्ट के ऑर्डर नहीं मिले हैं। पीड़ित ऑर्डर लेकर शनिवार को आए थे, जिसे वेरिफाई किया जा रहा है।

पुलिस का जवाब था- क्या अब मच्छर को पकड़ें

शिवम ने बताया कि 18 अक्तूबर को वह ईशा के पापा और अन्य रिश्तेदारों के साथ जीरकपुर पुलिस स्टेशन में बिल्डरों के खिलाफ शिकायत देने गए। वहां पर एएसआई बलविंदर सिंह मिले। पूरी बात बताई और मांग की कि बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बलविंदर ने जवाब दिया कि ‘आप क्या चाहते हो कि हम ईशा को काटने वाले डेंगू के मच्छर को पकड़कर सलाखों के पीछे डालें। आप एक काम करो आपको नीम की हरी-हरी पत्तियां बिल्डरों से दिलवा देते हैं’।

4 बार एसएसपी ऑफिस में दी शिकायत

शिवम ने बताया कि कई बार पुलिसवालों ने बात नहीं सुनी। चार बार एसएसपी ऑफिस गया। जब कुछ नहीं हुआ तो आरटीआई के माध्यम से केस स्टेटस के बारे पूछा। जवाब नहीं आया तो फिर डेराबस्सी कोर्ट में सीआरपीसी 156(3) के तहत याचिका डाली। इसमें डेराबस्सी मेडिकल ऑफिसर की तरफ से ईशा की मौत डेंगू से हुई की रिपोर्ट भी साथ लगाई। मामले की कोर्ट में सुनवाई होने लगी तो पुलिस ने रिपोर्ट में कहा कि ईशा को डेंगू इस फ्लैट में नहीं हुआ था।

कंपनी की नहीं चली दलीलें

कंपनी ने कहा कि मेंटेनेंस का काम हमने किसी दूसरी कंपनी को दिया हुआ है। इस पर शिवम ने वे डॉक्यूमेंट पेश किए, जो हर महीने 4500 रुपए बिल्डर कंपनी को मेंटेनेंस चार्जेज जाते थे। शिवम ने रजिस्ट्री पेश की, जिस पर कंपनी से करार हो रखा था। शिवम ने मेडिकल ऑफिसर की वह रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसमें लिखा था कि ईशा की मौत डेंगू से हुई थी।

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