जगदलपुर: कोरोना कोविड-19 महामारी के कारण विगत 02 नेशनल लोक अदालतों का आयोजन निरस्त हो जाने के फलस्वरूप एवं न्यायालयों में रोजाना सुचारू कार्य स्थगित होने से न्यायालयों में गरीब पक्षकारों के प्रकरण काफी संख्या में लंबित होने की स्थितियों को मद्देनजर रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा दिए गए निर्देश एवं जिला न्यायाधीश अध्यक्ष सुमन एक्का के मार्गदर्शन में शनिवार 11 जुलाई को बस्तर जिले में पहली बार विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय विशेष ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया।
आयोजित विशेष ई-लोक अदालत हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले में कुल 06 खण्डपीठों क्रमशः खण्डपीठ क्रमांक-1 अशोक कुमार साहू, न्यायाधीश परिवार न्यायालय जगदलपुर, खण्डपीठ क्रमांक-2 डी0एन0भगत, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर, खण्डपीठ क्रमांक-3 सतीश कुमार जायसवाल, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर, खण्डपीठ क्रमांक-4 बलराम कुमार देवांगन, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदलपुर, खण्डपीठ क्रमांक-5 श्वेता उपाध्याय गौर, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जगदलपुर एवं खण्डपीठ क्रमांक-6 एस.एल.मात्रे, श्रम न्यायाधीश जगदलपुर के न्यायालय की खण्डपीठ का गठन किया गया था।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री बलराम कुमार देवांगन ने यह भी बताया कि आयोजित विशेष ई-लोक अदालत हेतु पक्षकारों से उनके राजीनामा योग्य प्रकरणों में उनके द्वारा सुलह समझौता के आधार प्रकरणों को निराकृत किए जाने हेतु सर्वप्रथम उनसे न्यायालयीन कार्यवाही हेतु आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति कर संकलित किया गया था, दस्तावेजों को संकलित किए जाने के उपरांत पक्षकारों और उनके वकीलों को विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किस प्रकार न्यायालय से जुड़ना है, जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अथवा जिला न्यायालय के टेक्निकल स्टाफ द्वारा प्रदान की गई थी ।
आयोजित विशेष ई-लोक अदालत में 24 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों से संबंधित प्रकरण, 34 आपराधिक प्रकरण, 04 व्यवहार वाद प्रकरण, 25. धारा 138 नि.ई.एक्ट, 13 पारिवारिक मामले, 12 श्रम संबंधी प्रकरणों इस प्रकार कुल 112 प्रकरणों को रखा गया था, जिसमें से गठित खण्डपीठों द्वारा 09 दावा प्रकरणों को निराकृत करते हुए रूपये एक करोड़ एक लाख 68 हजार का अवार्ड पारित किया गया साथ ही 02 आपराधिक प्रकरण एवं 02 श्रम संबंधी प्रकरणों में रूपये 12लाख चालीस हजार का अवार्ड पारित करते हुए 02 व्यवहार वाद प्रकरणों में रूपये आठ लाख की डिक्री प्रदान की गई, इस प्रकार सभी खण्डपीठों द्वारा कुल 15 प्रकरणों को ई-लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया गया ।
कचरा फेंकने की बात को लेकर पड़ोसियों के मध्य गाली गलौच एवं मारपीट की मामले में विशेष ई-लोक अदालत में राजीनामा
आज से 03 वर्ष पूर्व स्वसहायता समूह चलाने वाली प्रार्थिया स्वाति झा एवं उनके पड़ोसी निकेत एवं साकेत झा द्वारा प्रार्थिया के घर के पीछे आंगन में कचरा फेंकने की बात को लेकर दोनों पक्ष के मध्य गाली गलौच और मारपीट की घटना हुयी थी । जिस पर प्रार्थिया द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी गई। जो वर्ष 2017 से न्यायालय में लंबित था। जिस पर दोनों पक्ष ई-लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय के समक्ष उपस्थिति दर्ज करवाते हुये आज ई-लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री बलराम कुमार देवांगन के लोक अदालत में मामले का निराकरण किया गया ।
मामले में दिलचस्प वाकया यह रहा है कि देश में कोविड-19 वायरस संक्रमण काल को ध्यान में रखते हुये देश के किसी राज्य में प्रथम बार ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया था जिसमें पक्षकारों को फिजिकल रूप से उपस्थित न होकर जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिये गये वेबसाईट एवं लिंक के माध्यम से जुडकर विडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा उपस्थिति दर्ज करवाते हुये मामले का निराकरण होना था परंतु इस मामले में पक्षकार न्यायालय में स्वयं उपस्थित हो गये थे। जिन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा ई-लोक अदालत के महत्व को समझाते हुये वेबसाईट एवं लिंक के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करवाये जाने बाबत् बताया गया। तब विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी सत्यदेव पाण्डेय व न्यायालयीन कर्मचारी दीपिका शर्मा के माध्यम से पक्षकारों के अधिवक्ता तरूण चैहान द्वारा अपने मोबाईल के माध्यम से प्राधिकरण द्वारा दिये गये लिंक पर जुड़कर पक्षकारों से रूबरू होकर विडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा राजीनामा किया गया ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह भी बताया कि बस्तर जिले में पहली बार विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित विशेष ई-लोक अदालत का आयोजन सफल साबित हुआ।