विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन के तहत लड़ा था. गठबंधन के तहत बीजेपी को 164 सीटें मिली थी और शिवेसना को 124 सीटें मिली थीं. गठबंधन ने चुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद और सत्ता में भागीदारी को लेकर विवाद हो गया.
मुंबई :
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूट गया है. दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर चली लंबी खींचतान के बाद दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए. अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने की कवायद में जुट गई हैं. इसको लेकर बीजेपी ने शिवसेना पर तंज कसा है. बीजेपी ने कहा है कि बालासाहेब की सेना अब सोनिया सेना हो गई है. इतना ही नहीं पार्टी ने कहा है कि शिवसेना का हाल कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार जैसा होगा.
‘बालासाहेब की सेना से सोनिया सेना तक..’
बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता और नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट करके तंज कसा, “शिवसेना का क्रमिक विकास..बाला साहेब की सेना से सोनिया सेना तक..”
वहीं, एक अन्य बीजेपी नेता ने कहा, “हम तो समझते थे कि हिंदुत्व की समान विचारधारा के कारण कभी शिवसेना गैर बीजेपी दलों की तरफ मुंह उठाकर देखेगी भी नहीं. पार्टी को लगा था कि शिवसेना पहले की तरह चिर-परिचित नखरे दिखा रही है. मगर ये नखरे एक दिन धोखेबाजी में बदल जाएंगे, इसकी तो उम्मीद नहीं थी. ‘इनका’ हाल भी कर्नाटक के कुमारस्वामी की तरह होगा.”
राज्यपाल ने NCP को दिया सरकार बनाने का न्योता
जब मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल शिवसेना के एकमात्र नेता अरविंद सावंत ने इस्तीफा देने का ऐलान किया, तभी साफ हो गया कि अब एनडीए से उद्धव ठाकरे अलग होने का फैसला कर चुके हैं. अरविंद सावंत के इस्तीफे और फिर कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन लेकर सरकार बनाने में जुटी शिवसेना के रवैये पर बीजेपी के कई नेताओं ने इसे जनादेश का अपमान बताया है.
बता दें कि शिवसेना नेताओं ने सोमवार की शाम राज्यपाल से भेंट कर संख्या बल जुटाने के लिए तीन दिन की मोहलत मांगी थी. लेकिन राज्यपाल ने इसे ठुकरा दिया. इसके बाद अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. राज्यपाल से मिलने गए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे कांग्रेस का समर्थन पत्र नहीं दे पाए थे.
चुनाव में किसको कितनी सीटें मिलीं?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन के तहत लड़ा था. गठबंधन के तहत बीजेपी को 164 सीटें मिली थी और शिवेसना को 124 सीटें मिली थीं. गठबंधन ने चुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद और सत्ता में भागीदारी को लेकर विवाद हो गया. चुनाव में बीजेपी को 105 सीटें मिलीं, जबकि शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली. एनसीपी ने 54 सीटें जीती और कांग्रेस की झोली में 44 सीटें आईं.