रमेश गुप्ता
भिलाई: कामर्स के क्षेत्र में अग्रणी संस्था डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट के दो शिक्षकों ने गुरुवार को अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज करा कर भिलाई का नाम रौशन कर दिया है।। बताया जाता है कि सीए प्रवीण बाफना व मिट्टू मेडम ने लगातार 12 घंटे तक पढ़ाने का रिकार्ड बनाया जिसके लिए इन दोनों शिक्षकों का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल किया गया। इस मैराथन टीचिंग के बाद गुरुवार की शाम को इंस्टीट्यूट के सामने आयोजित समारोह में सीए प्रवीण बाफना व मिट्टू मेडम को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस मैराथन टीचिंग के दौरान इण्डिया बुक आफ रिकार्ड के एडजयूडीकेटर कुशाल सचन ने पूरे समय मॉनिटरिंग की। इस दौरान शिक्षकों ने इण्डिया बुक आफ रिकॉड्र्स के तय नियमों के तहत लगातार 12 घंटों तक छात्र छात्राओं को शिक्षा दी। मैराथन टीचिंग सुबह 5.30 बजे से शुरू हुआ जो शाम 5.30 बजे तक जारी रहा। कार्यक्रम के बाद दोनों शिक्षकों को इण्डिया बुक आफ रिकार्ड की ओर से ऑफिसियल तौर पर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट द्वारा महापौर देवेन्द्र यादव का शॉल व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
इस्पात नगरी जो शिक्षाधानी के रूप में जानी जाती हैं कि विश्व रिकॉर्ड बनाने की यह एक अनोखी पहल हैं। निरंतर कुछ बेहतर करने व बेहतर शिक्षा देने वाली कॉमर्स संस्था डॉ. संतोष राय इंस्टीट्यूट के संचालक डॉ. संतोष राय का नाम विशव का सबसे बड़ा बिजनेश कार्ड बनाने के क्षेत्र में इण्डियां बुक, गिनिज बुक एवं लिमका बुक मे दर्ज हैं। डॉ. संतोष राय का कहना है कि कोई भी शिक्षक छात्र-छात्राओं का हीरो होता हैं। अगर एक शिक्षक निरंतर 12 घण्टे या उससे अधिक पढ़ाकर एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है तो युवा छात्र-छात्राएं भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है बस उनमे लगन एवं जुनून होना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर काफी गौरव महसूस कर रहा हूं। सीए प्रवीण बाफना व मिट्टू मेडम ने जो कर दिखाया वह हर शिक्षक के लिए एक उद्हारण है। विधायक देवेन्द्र यादव ने इस उपलब्धि के लिए सीए प्रवीण बाफना व मिट्टू मेडम को बधाई देते हुए और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान सीए प्रवीण बाफना ने कहा कि 12 घंटे पढ़ाने का लक्ष्य इसलिए पा सके क्योंकि छात्र छात्राओं ने भी लगातार हमारा साथ दिया। वहीं मिट्टू मेडम ने कहा डॉ संतोष राय की प्रेरणा व बच्चों के सपोर्ट के कारण ही हम यह कर पाए।