छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्से में फिर अकाल का खतरा, आधे से अधिक हिस्से में धरती पानी को तरस रही

रायपुर:

छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्से में फिर अकाल का खतरा मंडरा रहा है। खरीफ का सीजन शुरू हुए लगभग दो माह और मानसून को आए हुए महीने भर का वक्त हो चुका है। इसके बावजूद राज्य के आधे से अधिक हिस्से में धरती पानी को तरस रही है।

खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं। किसान ही नहीं, धरती भी पानी की गुहार लगा रही है। यदि अगले एक सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं हुई तो राज्य का बड़ा हिस्सा अकाल की चपेट में आ जाएगा। इससे पहले 2017 में राज्य के 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया था।

खतरे में 14 जिला व 72 से अधिक तहसील

राज्य के सात जिले और 53 से अधिक तहसीलों में अब तक 60 फीसद से भी कम बारिश हुई है। नियमों के अनुसार 30 फीसद से कम बारिश की स्थिति में सूखा घोषित किया जाता है। इस लिहाज से जिलों की संख्या बढ़कर सीधे 14 और तहसील 72 से अधिक हो जाएगी। इससे न केवल किसान बल्कि सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। सभी जिलों में कलेक्टर बारिश की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अगले चार-छह दिनों में बारिश नहीं हुई तो सूखा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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