कोरबा में फंसे गरियाबंद के 63 छात्र लौटे,‌ अपने गांव में किए क्वॉरेंटाइन

फारूक मेमन

गरियाबंद: गरियाबंद जिले के 63 छात्र छात्राएं कोरोनावायरस के रेड जोन में आने वाले कोरबा जिले में फंस कर रह गए थे, दरअसल ये छात्र छात्राएं गए तो थे जैविक खाद बनाने की पढ़ाई करने मगर लाकडाउन के चलते उनकी पढ़ाई भी अधूरी रह गई और वह अपने गांव अपने घर मैनपुर तथा देवभोग इलाके में वापस पहुंच भी नहीं पा रहे थे कोरबा जिला रेड जोन में आने के चलते छात्र-छात्राएं खुद डरे हुए थे

जिसके बादअब कोरबा में एक भी कोरोना पाजी ट्यून नहीं रहने के चलते इन छात्र-छात्राओं ने हिम्मत दिखाई कलेक्टर से वापस भिजवाने की अपील की जिस पर कोरबा कलेक्टर ने उन्हें वापस गरियाबंद भेजने वाहन की व्यवस्था की किंतु जिला मुख्यालय पहुंचते ही इन छात्रों को रोक लिया गया। बाद में फैसला यह हुआ कि इन्हें इनके ब्लॉक मुख्यालय में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा लेकिन सुबह से निकले बच्चों के भोजन तथा अन्य व्यवस्थाओं के लिए अभी इन्हें गरियाबंद में रोका गया जहां नगर पालिका प्रशासन ने इनके भोजन तथा रुकने की व्यवस्था की कूलर आदि का इंतजाम किया बच्चों की लिस्ट बनाई और शाम तक इन्हें इनके ब्लॉक मुख्यालय मैनपुर तथा देवभोग भेजा जाएगा

यह बच्चे जैविक खाद बनाने की पढ़ाई करने कोरबा गए थे वापस आने पर इन्हें गांव गांव में जैविक खाद बनाने की विधि ग्रामीणों को सिखानी थी मगर कोरबा में ही फस कर रह गए थे। इन विद्यार्थियों की मदद करने में गरियाबंंद के थाना प्रभारी आरके साहू तथा थाााने के स्टाफ भी सक्रिय रूूप से जुटे रहे इसके नगरपालिका का अमला इनकी व्यवस्थाओं में लगा रहा।

हमने अपना कर्तव्य निभाया- पालिकाध्यक्ष

गफ्फार मेमन
पालिका अध्यक्ष

इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फार मेमन का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन को जैसे ही बाहर से इन छात्रों के आने और इनकी परेशानियों के बारे में पता चला तत्काल हमने इन्हें रुकवाने इनके हल्के भोजन तथा गर्मी ना लगे इसलिए कूलर आदि की व्यवस्था की इन छात्रों को अब यहां से रवाना करते हुए इनके ब्लॉक मुख्यालय अथवा उनके गांव में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। इन छात्रों को किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो इसलिए मैंनेे उन्हें अप नंबर भी दिया है ताकिि उन

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