अच्छी पहल: थाने में बच्चे खेलेंगे कैरम, महिलाएं बेझिझक रखेंगी बात, दुर्ग रेंज में पहली बार यह व्यवस्था बालोद थाने से शुरू की गई

बालोद:

इन दिनों छत्तीसगढ़ में पुलिस की एक अच्छी पहल देखने को मिल रही है. पीड़ित बच्चे पुलिस पूछताछ में बिना डरे, बिना झिझक के अपनी बात रख सकेंगे। दरअसल बीती मंगलवार को शाम 6 बजे सिटी कोतवाली में महिला डेस्क चाइल्ड फ्रेंडली रूम का उद्घाटन हुआ। इस तरह की पहल पहली बार छत्तीसगढ़ में बालोद थाने में की गई है। इसी की तर्ज पर अब जिले सहित राज्य के अन्य जिलों में भी कक्ष तैयार किया जाएगा। पॉक्सो एक्ट के तहत इस कक्ष को भीतर से पिंक (गुलाबी) कलर से सजाया गया है।

इस कमरे में पीड़ित बच्चे पुलिस पूछताछ में बिना डरे, बिना झिझक के अपनी बात रख सकेंगे। उन्हें सिर्फ बयान देने के लिए नहीं बल्कि यहां कैरम खेलने, गुब्बारे उड़ाने के लिए भी बुलाया जाएगा। चॉकलेट, पेंसिल, पेंटिंग सहित कई कलाकारी के बीच बच्चों को रखा जाएगा। ताकि उनका मन बहल सके और वे बेझिझक होकर अपने साथ हुई घटना को बयां कर सके। 

एसपी एमएल कोटवानी ने कहा कि दुर्ग रेंज में पहली बार यह व्यवस्था बालोद थाने से शुरू की गई है। यह छग में भी पहला है। हालांकि महिला डेस्क सभी थानों में पहले से बनाए गए हैं। लेकिन वह व्यवस्थित नहीं है। ऐसे व्यवस्थित ढंग से शुरुआत बालोद थाने के प्रशिक्षु डीएसपी व टीआई अमर सिदार ने की। इस दौरान यहां की सुविधाओं की भी जानकारी दी गई। 

बयान देने-लेने में होती थी दिक्कत :

डीएसपी अमर सिदार ने कहा कि जब उन्होंने बालोद थाने का प्रभार संभाला तो यहां की व्यवस्था देख उन्हें लगा कि खासकर महिला और बच्चों से संबंधित होने वाले अपराध में पीड़ित बयान देने से हिचकते हैं। थाने के भीतर उनसे सिविल ड्रेस में भी पूछताछ नहीं कर पाते। इसे देखते यह तय किया गया कि क्यों ना थाने के भीतर एक घर जैसा कमरा हो। आसानी होगी।

जागरूकता से संबंधित पोस्टर भी यहां लगाए गए :

इस पिंक कमरे को बच्चों के साथ होने वाले अपराध के संबंध में जागरूकता के लिए भी तैयार किया गया है। जहां उनसे संबंधित कानून और बचने के तरीकों से संबंधित पोस्टर भी लगाए गए हैं। खासकर पॉक्सो एक्ट के संदर्भ में लिखा गया है गलत काम बुरा अंजाम, पॉक्सो कानून बच्चों के नाम।

अपराधों पर संवेदनशीलता से की जाएगी कार्रवाई :

बाल संरक्षण अधिकारी गजानंद साहू ने कहा कि पुलिस प्रशासन से मिलकर जिले में होने वाले हर तरह के बाल अपराधों और महिलाओं के साथ होने वाले अनाचार के मामलों में संवेदनशीलता से कार्रवाई की जाएगी। अब इस पिंक रूम के जरिए भी हमें काउंसिलिंग में सुविधा होगी।

पुलिस उनकी दोस्त है, यह समझाएंगे:

डीएसपी अनुराग झा ने कहा कि आम तौर पर हम देखते हैं कि जब बच्चे कोई शरारत करते हैं तो बड़े उन्हें यह कहकर डरा देते हैं कि तुम्हें पुलिस पकड़ कर ले जाएगी। उनके इस मजाक भरी बात से भी बच्चों के मन में पुलिस के प्रति डर बैठ जाता है। इसी भय को इस पिंक रूम से दूर किया जाएगा।

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